सिवनी हवाला केस में सतना से जुड़ाव, यहां से उठाए गए थे ₹2.01 करोड़
सतना
सिवनी जिले के चर्चित हवाला कांड का धागा अब सतना से जुड़ गया है। पुलिस जांच में बड़ा खुलासा हुआ है कि 8-9 अक्टूबर की रात चेकिंग के दौरान सिवनी में पकड़ी गई 2.96 करोड़ रुपए की रकम में से 2 करोड़ 1 लाख रुपए सतना से ले जाए जा रहे थे। यह राशि कथित रूप से सतना के हवाला कारोबारी मोंटी उर्फ अमित तोलवानी की बताई जा रही है।
सिवनी पुलिस ने मामले की कड़ी जुड़ते ही रविवार को जीवन ज्योति कॉलोनी स्थित मोंटी के घर पर दबिश दी, मगर वह घर पर नहीं मिला। तब से मोंटी गायब बताया जा रहा है। सिवनी हवाला कांड ने प्रदेश में हवाला नेटवर्क की गहराई को उजागर कर दिया है। सतना से लेकर कटनी और जबलपुर तक फैले इस पैसों के खेल में कई बड़े नाम सामने आने की संभावना है।
पुलिस लूट में शामिल रकम सतना और कटनी की थी
प्राथमिक जांच में सिवनी पुलिस को जानकारी मिली कि पकड़े गए पैसों में से बड़ा हिस्सा सतना और कटनी से उठाया गया था। सूत्रों के अनुसार, मोंटी तोलवानी के हवाला नेटवर्क के जरिए यह रकम ट्रांसफर की जा रही थी। जैसे ही यह तथ्य सामने आया, सिवनी पुलिस तत्काल सतना पहुंची और स्थानीय पुलिस की मदद से तलाशी अभियान चलाया। इस कार्रवाई के बाद से ही शहर के अन्य हवाला कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
पत्नी से लगवाया फोन, फिर नोटिस देकर लौटी पुलिस
छापे के दौरान मोंटी घर पर नहीं मिला तो पुलिस ने उसकी पत्नी से उसके मोबाइल पर कॉल करवाया। इस दौरान मोंटी से सीधी बात भी हुई, जिसमें उसने सहयोग करने और सामने आने का आश्वासन दिया। इसके बाद पुलिस ने औपचारिक नोटिस थमाया और सतना से रवाना हो गई।
जबलपुर बायपास पर मिली थी आखिरी लोकेशन
पुलिस सूत्रों ने बताया कि मोंटी का मोबाइल फोन आखिरी बार जबलपुर बायपास इलाके में सक्रिय पाया गया था। इसके बाद से उसका लोकेशन ट्रेस नहीं हुआ है। वहीं सिवनी पुलिस ने पूरे प्रकरण की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपी है और हवाला नेटवर्क के अन्य शहरों से भी कनेक्शन तलाशे जा रहे हैं।
शिकायतकर्ता ने पेश किए पुलिस प्रताड़ना के सबूत, कोई ने कारोबारी को पुलिस सुरक्षा में भेजा घर
सिवनी पुलिस के द्वारा हवाला लूटकांड के शिकायतकर्ता ने हाईकोर्ट के उपस्थित होकर बताया कि पुलिस ने उसे मानसिक और शारीरिक तौर पर प्रताड़ित किया। आरोप को सिद्ध करने के लिए शिकायतकर्ता ने शारीरिक चोट के फोटोग्राफ भी पेश किए। हाईकोर्ट जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता को जिन स्थानों में पुलिस ने रखा था वहां के सीसीटीवी फुटेज एकत्र कर उन्हें सुरक्षित रखा जाए। शिकायतकर्ता को पुलिस सुरक्षा में उसके घर भेजा जाए।
याचिकाकर्ता जालना निवासी गंगा बाई परमार की तरफ से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में आरोप लगाते हुए कहा गया था कि सिवनी पुलिस उसके पति सोहनलाल परमार को अवैध रूप से बंधकर बनाकर रखे हुए हैं। उसके पति सोहनलाल की शिकायत पर ही सिवनी हवाला कांड का मामला उजागर हुआ था। पुलिस ने उसे 10 अक्तूबर को गिरफ्तार किया था और 12 तारीख को जमानत पर छोड़ दिया था। जमानत पर छूटने के बाद पति अपने घर जालना आया था। उसी रात जालना पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर पुनः सिवनी पुलिस को सौंप दिया। इसके बाद से सिवनी पुलिस उसके पति को बंधक बनाकर रखे हुए हैं।
याचिकाकर्ता के तरफ से तर्क दिया गया कि उसके पति की ट्रांजिट रिमांड नहीं ली गई और उसे मजिस्ट्रेट के समक्ष भी पेश भी नहीं किया गया। सरकार की तरफ से हाईकोर्ट को बताया गया था कि शिकायतकर्ता पुलिस अभिरक्षा में नहीं है। युगलपीठ ने गत दिवस याचिका की सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कहा था कि शिकायतकर्ता पुलिस अभिरक्षा में नहीं है तो वह व्यक्तिगत हाईकोर्ट में उपस्थित हो। अभिरक्षा में है तो पुलिस उसे 24 घंटों में न्यायालय के समक्ष पेश करें। याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता व्यक्तिगत रूप से स्वयं युगलपीठ ने समझ उपस्थित हुआ। उसने बताया कि पुलिस ने उसे होटल तथा अन्य स्थानों में रखकर उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। उसके साथ मारपीट की गई थी और शारीरिक चोट के फोटोग्राफ भी पेश किए। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद याचिका का निराकरण करते हुए उक्त आदेश जारी किये। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता श्रेयस दुबे ने पैरवी की।