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इस जिले में पीएम आवास योजना-ग्रामीण के तहत 21,875 मकानों का लक्ष्य, अब तक 20,297 को मिली स्वीकृति….

धमतरी: प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाय-जी) भारत सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आवासहीनों को पक्के घर उपलब्ध कराना है। इस योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य के धमतरी जिले में वर्ष 2024-25 के लिए निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में निरंतर सराहनीय प्रगति हो रही है।

25 जुलाई 2025 की स्थिति में प्राप्त आंकड़े दर्शाते हैं कि जिले के सभी चार विकासखंडों धमतरी, कुरूद, मगरलोड और नगरी में मिलकर कुल 21,875 मकानों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें से 20,297 मकानों की स्वीकृति दी जा चुकी है। इस योजना की कार्यप्रणाली चरणबद्ध है, जिसमें मकान निर्माण हेतु राशि की किश्तों में भुगतान किया जाता है।

जिले में अब तक 19,723 लाभार्थियों को प्रथम किश्त का भुगतान किया जा चुका है, जो कुल लक्ष्य का 90 प्रतिशत से अधिक है। इसी प्रकार, 18,270 मकानों में प्लिंथ स्तर तक निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, जिससे जिले का समग्र प्लिंथ प्रगति प्रतिशत 92.63 प्रतिशत तक पहुंच गया है। यह प्रगति दर्शाती है कि योजना का कार्यान्वयन धरातल पर प्रभावी रूप से हो रहा है।
विकासखंडवार प्रगति विवरणः

1. धमतरी विकासखंडः
धमतरी विकासखंड में कुल 5,178 मकानों का लक्ष्य रखा गया था, जिनमें से 4,840 को स्वीकृति दी जा चुकी है। 4,740 लाभार्थियों को पहली किश्त प्राप्त हो चुकी है और 4,482 मकानों में प्लिंथ कार्य पूर्ण हुआ है। इस विकासखंड की प्लिंथ प्रगति 94.56 प्रतिशत है, जबकि मकान पूर्णता का प्रतिशत 34.3 प्रतिशत है, जो सराहनीय प्रयास को दर्शाता है। यहां 1,661 मकान पूरी तरह बनकर तैयार हो चुके हैं।

2. कुरूद विकासखंडः
कुरूद क्षेत्र में कुल 4,523 मकानों का लक्ष्य निर्धारित किया गया, जिनमें से 4,291 को स्वीकृति मिली। अब तक 4,246 मकानों में पहली किश्त और 4,062 मकानों में प्लिंथ कार्य पूर्ण हो चुका है। प्लिंथ प्रगति 95.62 प्रतिशत और पूर्णता प्रतिशत 38.5 प्रतिशत है। कुल 1,652 मकानों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जिससे यह ब्लॉक जिले में अग्रणी स्थिति में है।

3. मगरलोड विकासखंडः
मकान प्लिंथ स्तर पर हैं और 1,482 मकानों का कार्य पूर्ण हो चुका है। कुल 3,870 के लक्ष्य में से 3,582 मकानों को स्वीकृति दी जा चुकी है और 3,376 लाभार्थियों को पहली किश्त प्राप्त हो चुकी है। यहां पूर्णता प्रतिशत 41.4 प्रतिशत है, जो पूरे जिले में सबसे अधिक है।

4. नगरी विकासखंडः
नगरी विकासखंड में कुल 8,304 मकानों का लक्ष्य निर्धारित है, जो जिले का सबसे बड़ा भाग है। अब तक 7,584 मकानों की स्वीकृति हुई है और 7,359 लाभार्थियों को पहली किश्त का भुगतान हो चुका है। हालांकि प्लिंथ प्रगति 86.95 प्रतिशत पर है, जो अन्य विकासखंडों की तुलना में कम है, लेकिन पूर्ण मकानों की संख्या सबसे अधिक 2,710 है। पूर्णता प्रतिशत 35.7 प्रतिशत है। नगरी क्षेत्र की चुनौती बड़ी संख्या के बावजूद संतुलित रूप से आगे बढ़ रही है।

समग्र उपलब्धियाँः
. कुल स्वीकृत मकानः 20,297
. पहली किश्त प्राप्त लाभार्थीः 19,723
. प्लिंथ स्तर तक पूर्ण मकानः 18,270
. पूर्ण निर्माणः 7,505 मकान
. कुल पूर्णता प्रतिशतः 37.0 प्रतिशत

यह प्रगति न केवल शासन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि जिला प्रशासन, पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीण जनता के समन्वित प्रयासों का परिणाम भी है। निर्माण की निगरानी, स्वच्छता, और समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित कर ग्रामीण विकास में एक नई पहचान गढ़ी जा रही है।
सकारात्मक संकेत और चुनौतियाँ। इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि योजना के क्रियान्वयन में गति बनी हुई है और वर्ष 2024-25 के लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में ठोस प्रगति हो रही है।

मगरलोड और कुरूद जैसे विकासखंडों ने अपेक्षाकृत बेहतरीन प्रदर्शन किया है। नगरी क्षेत्र को निर्माण की गति को और तेज करने की आवश्यकता है, ताकि उसका प्रतिशत भी अन्य क्षेत्रों की बराबरी कर सके।
जिले में “अपूर्ण मकानों की संख्या केवल 8 है”, और 1,453 मकानों में कार्य दोबारा प्रारंभ करने की दिशा में आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। यह योजना ग्रामीण आबादी की जीवनशैली में सुधार के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा की दिशा में एक मजबूत नींव तैयार कर रही है।

निष्कर्षः

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत धमतरी जिले में हो रही प्रगति उत्साहजनक और प्रेरणादायक है। यह दर्शाता है कि शासन की योजनाएं तब प्रभावी सिद्ध होती हैं जब स्थानीय प्रशासन, जनप्रतिनिधि और नागरिक मिलकर कार्य करें। इस प्रकार की योजनाओं से न केवल आवासहीनों को पक्के घर मिलते हैं, बल्कि उनके जीवन में स्थायित्व, सुरक्षा और सम्मान की भावना भी सृजित होती है।आने वाले समय में जिला प्रशासन को यही दिशा बनाए रखते हुए शेष लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु और तेजी से कार्य करना होगा। यदि यही कार्यसंस्कृति बनी रही, तो धमतरी जिला न केवल प्रदेश में, बल्कि देश में भी ग्रामीण आवास निर्माण की मिसाल बन सकता है।