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बिहार के कॉलेजों में नए सत्र प्रारंभ होने की फाइनल डेट आई सामने, यहां पढ़ें पूरी जानकारी

विश्वविद्यालयों व कालेजों में नया शैक्षणिक सत्र 2024-25 की पढ़ाई हर हाल में अगस्त के पहले सप्ताह में आरंभ हो जाएगी। इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने आवश्यक प्रक्रिया आरंभ कर दी है। यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. एम जगदीश कुमार के अनुसार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) जून के मध्य तक सीयूईटी यूजी 2024 का परिणाम जारी करेगा।इसके बाद विश्वविद्यालयों में नामांकन प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी।

अगस्त के पहले सप्ताह तक कक्षाएं आरंभ करने की कवायद

इसी के आधार पर अगस्त के पहले सप्ताह तक कक्षाएं आरंभ करने की कवायद है। सभी विश्वविद्यालयों में स्नातक और पीजी का शैक्षणिक सत्र 2024-25 अगस्त के पहले हफ्ते से शुरू करने को कहा है। करीब 261 विश्वविद्यालय सीयूईटी यूजी 2024 की मेधा सूची से स्नातक स्तर के विभिन्न कोर्स में नामांकन देंगे।

इसके साथ ही सभी विश्वविद्यालयों को जून के अंत तक स्नातक व पीजी के परिणाम जारी करने को कहा गया है। इससे विद्यार्थियों को प्रवेश प्रक्रिया और सेमेस्टर की तैयारी पूरी करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।

इसके साथ ही व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रोजेक्ट वर्क और इंटर्नशिप के लिए दो हफ्ते का और समय देने का भी आग्रह किया गया है। 261 से अधिक विश्वविद्यालयों में स्नातक और पीजी पाठ्यक्रमों में पहले वर्ष में नामांकन सीयूईटी की मेधा सूची से होगा।  

आनलाइन विवि में संस्थान, उद्योग, एडूटेक एक साथ मिलकर करेंगे काम

यूजीसी चेयरमैन प्रो. जगदीश एम कुमार ने कहा उच्च शिक्षण संस्थानों में चार करोड़ से अधिक सीट हैं। चार करोड़ छात्र विभिन्न डिग्री प्रोग्राम में निबंधित हैं, जबकि करीब 3.41 करोड़ छात्र अपनी पहली डिग्री प्राप्त कर रहे हैं। विश्वविद्यालयों को सीट बढ़ाने की स्वायत्ता भी दी गई है। एनईपी 2020 के तहत छात्रों को तीन वर्षीय, चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम चुनने की आजादी है।

एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट में छात्र कोई भी कोर्स करते हैं, उसके क्रेडिट एबीसी में जुड़ेंगे। प्रो. कुमार ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2024 से देश का पहले ई-विश्वविद्यालय के रूप में राष्ट्रीय डिजिटल विश्वविद्यालय शुरू करने की तैयारी चल रही है। यह दुनिया का सबसे बड़ा आनलाइन विश्वविद्यालय होगा।

इस विवि में उच्च शिक्षण संस्थान, उद्योग और एडूटेक प्लेटफार्म को एक साथ लाना है। इसका मकसद छात्रों को ग्रामीण, दूर-दराज और कामकाजी पेशेवरों को घर बैठे गुणवत्ता युक्त सस्ती शिक्षा मुहैया करवाना है।