देश

5G की खराब गुणवत्ता पर सख्ती की तैयारी, कॉल ड्रॉप और घटिया वीडियो स्ट्रीमिंग की शिकायतें…

देश में 5G सेवाओं की गुणवत्ता को दुरुस्त करने के लिए सख्त नियम बनाए जाएंगे।

इससे कस्टमर को वीडियो कॉलिंग, स्ट्रीमिंग और कॉल में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने इस मामले पर दूरसंचार कंपनियों के साथ बातचीत पूरी कर ली है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले दो महीने के भीतर नए नियम लागू हो जाएंगे।

अभी कोई मानक नहीं

वर्तमान में देश में 5जी के प्रदर्शन और गुणवत्ता जांच के लिए कोई मानक तय नहीं हैं। कई उपभोक्ताओं को खराब कॉल गुणवत्ता, कॉल ड्रॉप, कॉल म्यूटिंग और फोन को 5जी से जोड़ने में दिक्कतें आ रही है।

इसके अलावा 5जी की स्पीड में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि विभिन्न कारणों के चलते कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, जिसे जल्द से जल्द दूर करने की जरूरत है।

4जी सेवाओं के नियमों में भी होगा संशोधन

अधिकारी ने यह भी बताया कि दूरसंचार नियामक ट्राई 4जी सेवाओं के लिए मौजूदा गुणवत्ता मानकों में भी संशोधन करेगा। अब भी कई उपभोक्ताओं को 4जी सेवा मिल रही है, जिसकी खराब गुणवत्ता की शिकायतें भी लगातार मिलती रही हैं।

ट्राई के नए मसौदे में, दूरसंचार कंपनियों के लिए अनुपालन प्रणाली में भी संशोधन किया है, जो त्रैमासिक रिपोर्टिंग आधार से मासिक रिपोर्टिंग पर आ जाएगा। यानी अब तीन महीने में दी जाने वाली रिपोर्टिंग हर महीने दी जाएगी।

डाटा में उतार-चढ़ाव की निगरानी होगी

ट्राई का कहना है कि नियामक का लक्ष्य एक महीने में 4जी और 5जी दोनों नेटवर्क के लिए सख्त गुणवत्ता मानक लागू करना है।

इसके तहत कॉल ड्रॉप दर दो फीसद से कम होनी चाहिए। इसके अलावा कॉल नेटवर्क और इंटरनेट डाटा में होने वाले उतार-चढ़ाव की निगरानी की जाएगी। यह मानक वीडियो कॉल और उच्च गुणवत्ता वाले वीडियो स्ट्रीमिंग के लिए जरूरी है।

कंपनियों को देना पड़ेगा जुर्माना

बताया जा रहा है कि नए नियमों में कंपनियों पर जुर्माना तय किया जा सकता है। यदि दूरसंचार कंपनियां 4जी और 5जी के लिए तय नए मानकों को पूरा नहीं कर पाती हैं तो उन्हें प्रति मानक के आधार पर तीन लाख रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।

इसके अलावा, गलत रिपोर्टिंग की स्थिति में प्रति मानक 10 लाख रुपये तक जुर्माना देना पड़ सकता है। भारत में 5जी लॉन्च हुए 18 महीने बीत चुके हैं। इस दौरान दूरसंचार कंपनियों ने 20 करोड़ उपभोक्ताओं को अपने 5जी नेटवर्क से जोड़ा है।

टेलीकॉम कंपनियां कर रही विरोध

बताया जा रहा है कि दूरसंचार कंपनियां 5जी के लिए आने वाले नए मानकों से सहमत नहीं हैं। कंपनियों ने ट्राई से कहा है कि सेवाओं के गुणवत्ता मानकों में बड़े पैमाने पर बदलाव की कोई जरूरत नहीं है।

सेवा गुणवत्ता से जुड़ी समस्याएं भौतिक घटकों या हार्डवेयर के खराब प्रदर्शन के कारण उत्पन्न होती हैं। इनके अलावा भी कई बाहरी कारक हैं, जिनके चलते गुणवत्ता प्रभावित होती है। जैसे कि कई राज्यों या इलाकों में परिचालन साइटों को बार-बार सील या बंद कर दिया जाता है।

The post 5G की खराब गुणवत्ता पर सख्ती की तैयारी, कॉल ड्रॉप और घटिया वीडियो स्ट्रीमिंग की शिकायतें… appeared first on .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *