मध्यप्रदेशराज्य

मप्र पुलिस ने नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए बनाई रणनीति

भोपाल । देश में नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस ने भी रणनीति बनाने के साथ जवानों को तैयार किया है। छत्तीसगढ़ में हाल ही में हुईं बड़ी नक्सली घटनाओं के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को खत्म करने का बयान दिया था। उनके इस बयान को हकीकत में बदलने के लिए मध्य प्रदेश के नक्सल प्रभावित जिले बालाघाट, मंडला और डिंडौरी जिलों के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की पुलिस चौकियों में पुलिस बल बढ़ाया गया है। बालाघाट में कुछ दिन पहले ही 110 से अधिक आरक्षक व प्रधान आरक्षक को डोरा, बिठली, सोनगुड्डा, डाबरी समेत 17 चौकियों में स्थानांतरित किया गया है। नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत पुलिस अधिकारियों की बैठकों का दौर जारी है। 22 जनवरी को ही तीनों राज्यों- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र पुलिस के अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक हुई थी। वहीं, छिंदवाड़ा आईजी और तत्कालीन बालाघाट एसपी सचिन अतुलकर ने हाल ही में बालाघाट में पुलिस अधिकारियों के साथ विभिन्न विषयों के साथ नक्सल उन्मूलन अभियान को लेकर चर्चा की है। हाकफोर्स के 21 सहायक सेनानियों में प्रदेश के अलग-अलग शहरों में पदस्थ एसडीओपी, सीएसपी रेंज के अधिकारी हैं, जिनका बालाघाट स्थानांतरण हुआ है।

100 पुलिस जवानों को दी जा रही ट्रेनिंग
वहीं, नक्सलियों से लोहा लेने और नक्सल ऑपरेशन में हाकफोर्स व सीआरपीएफ जवानों का सहयोग करने के लिए 100 पुलिस जवानों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उनका यह प्रशिक्षण 15 से 20 दिनों का होगा। मध्य प्रदेश शासन ने इस बार बालाघाट पुलिस में सहायक सेनानी हाकफोर्स के 21 पदों पर पदस्थाना की है। इससे पहले जिले में 17 सहायक सेनानी हाकफोर्स तैनात थे। इनकी संख्या में बढ़ोत्तरी को भी मिशन 2026 से जोडक़र देखा जा रहा है। बालाघाट रेंज आईजी संजय कुमार नक्सलवाद को खत्म करने के लिए नक्सल प्रभावित चौकियों में बल बढ़ाया गया है। इस बार 21 सहायक सेनानी, हाकफोर्स की पदस्थापना की गई है। पुलिस के दक्ष जवानों को नक्सल ऑपरेशन में शामिल करने के मकसद से प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।