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पहली बार ऑनलाइन क्रेडिट कार्ड खर्च रिकॉर्ड ₹1 लाख करोड़ पार, डेबिट कार्ड से बन रही दूरी…

ऑनलाइन क्रेडिट कार्ड खर्च मार्च में पहली बार 1 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया। मार्च 2023 में ऑनलाइन कार्ड खर्च लगभग 86,390 करोड़ रुपये से 20% और फरवरी 2024 में 94,774 करोड़ रुपये से 10% बढ़ गया।

मार्च में ही पॉइंट-ऑफ-सेल मशीनों से ऑफलाइन ट्रांजैक्शन मार्च में 60,378 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले यह 50,920 करोड़ रुपये था।

मार्च 2024 में कुल क्रेडिट कार्ड खर्च एक साल पहले के 1,37,310 करोड़ रुपये से 20% अधिक 1,64,586 करोड़ रुपये रहा।

देश में क्रेडिट कार्डों की संख्या फरवरी में पहली बार 10 करोड़ को पार कर गई थी। मार्च के अंत में यह बढ़कर 10.20 करोड़ हो गई। यह संख्या एक साल पहले के 8.5 करोड़ से 20% अधिक है।

किस बैंक के कितने क्रेडिट कार्ड

मार्च 2024 तक एचडीएफसी बैंक के क्रेडिट कार्ड सबसे अधिक थे। इसका मार्केट शेयर 20.2% थी। दूसरे नंबर पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एसबीआई है।

इसका मार्केट शेयर 18.5% है। तीसरे नंबर पर आईसीआईसीआई बैंक है, जिसके क्रेडिट कार्ड के होल्डर 16.6% हैं। एक्सिस बैंक की हिस्सेदारी 14% और कोटक महिंद्रा बैंक 5.8% है। टॉप- 10 कार्ड जारी करने वाले बैंकों के पास क्रेडिट कार्ड की 90% मार्केट शेयर थे।

क्यों बढ़ा क्रेडिट कार्ड का क्रेज

क्रेडिट कार्ड की पहुंच अब लोगों तक आसान हो गई है। पहुंच बढ़ने से ट्रांजैक्शन बढ़ा। पॉइंट-ऑफ-सेल यानी स्वैपिंग मशीन से खर्च साल-दर-साल 28% बढ़कर मार्च में 18 करोड़ हो गया, जबकि ऑनलाइन भुगतान 33% बढ़कर 16.4 करोड़ हो गया।

छोटे अमाउंट के लिए भी क्रेडिट कार्ड

ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में वृद्धि से पता चलता है कि ग्राहक लो वैल्यू पेमेंट के लिए भी कार्ड का उपयोग बढ़ा रहे हैं। बैंकरों के मुताबिकचूंकि यूपीआई नेटवर्क पर कार्ड से लेनदेन संभव हो गया है, इसलिए ट्रांजैक्शन के औसत मूल्य में और गिरावट आने की संभावना है।

डेबिट कार्ड से पेमेंट में भारी गिरावट

डेबिट कार्ड से पेमेंट में भारी गिरावट है। यूपीआई लेनदेन की लोकप्रियता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। मार्च 2024 में डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन 30% गिरकर दुकानों में 11.6 करोड़ और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन 41% घटकर 4.3 करोड़ रह गया।

वैल्यू की बात करें तो मार्च में डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन दुकानों में 17% घटकर 29,309 करोड़ रुपये और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन 16% घटकर 15,213 करोड़ रुपये रह गया।

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