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दिल्ली में वाहन चालकों के लिए अधिकतम स्पीड सीमा 50 KM/H, सड़क हादसों को रोकने के लिए नई स्पीड सीमा लागू

दिल्ली: दिल्ली में बढ़ते सड़क हादसों को रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। अब दिल्ली की सड़कों पर वाहन चालकों के लिए अधिकतम स्पीड सीमा 50 KM/H निर्धारित की जाएगी। ट्रैफिक पुलिस का मानना है कि तेज रफ्तार वाहनों के कारण होने वाले हादसों को इस नए नियम से काफी हद तक कम किया जा सकेगा।

तीन दर्जन से अधिक खतरनाक स्थानों की पहचान

पिछले कुछ सालों में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कई योजनाएं लागू की गईं, लेकिन हादसों में कमी नहीं आ पाई। ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, दिल्ली में तीन दर्जन से अधिक स्थान ऐसे हैं जहां बेलगाम रफ्तार के चलते सड़क हादसे होते हैं। इनमें नरेला और अलीपुर जैसे बाहरी इलाके भी शामिल हैं। इन हादसों को रोकने के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने सर्कुलर जारी कर रही है जिसमें गाड़ियों की स्पीड लिमिट 50 KM/H करने का फैसला लिया है।

हाई लेवल लेजर स्पीड गन का इस्तेमाल

ट्रैफिक पुलिस सर्दियों में बढ़ने वाले हादसों पर विशेष ध्यान दे रही है। दिसंबर और जनवरी में रिंग रोड, बाहरी रिंग रोड और अन्य खुले क्षेत्रों में धुंध के कारण दृश्यता कम हो जाती है। ऐसे में तेज रफ्तार गाड़ियों पर नियंत्रण रखने के लिए हाई लेवल लेजर स्पीड गन का इस्तेमाल किया जाएगा। ट्रैफिक अधिकारियों के अनुसार, यह गन तेज रफ्तार वाहनों का पता लगाने में सक्षम है। सर्कुलर में सभी ट्रैफिक इंस्पेक्टरों (TI) को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्रों में ऐसे स्थानों की पहचान करें। जहां हादसों और रफ्तार की समस्या अधिक है। लेजर गन के इस्तेमाल से सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में सफलता मिलने की उम्मीद है।

कैसे काम करती है लेजर स्पीड गन?

लेजर स्पीड गन अत्याधुनिक तकनीक से लैस है और यह दिन हो या रात, एक किमी दूर से भी तय सीमा से अधिक रफ्तार वाले वाहनों की गति को पकड़ने में सक्षम है।
– यह गन तेज रफ्तार वाहन का वीडियो और फोटो रिकॉर्ड करती है।
– दुर्घटना स्थल की तस्वीरें और डेटा संग्रह करती है।
– किसी भी मौसम में यह अपने टारगेट को सटीकता से पहचान सकती है।
– यह तकनीक ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर नजर रखने और हादसों को रोकने में कारगर साबित होगी।