मध्यप्रदेशराज्य

मध्यप्रदेश ड्रोन टेक्नोलॉजी के उपयोग में अग्रणी राज्य : सर्वेयर जनरल मकवाना

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ॰ मोहन यादव के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश ड्रोन टेक्नोलॉजी में अग्रणी बनने की ओर अग्रसर है। राज्य में ड्रोन टेक्नोलॉजी के लिए बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने और ड्रोन नीति पर विचार विमर्श के लिए सोमवार को "शासन में ड्रोन का उपयोग एवं मध्यप्रदेश में ड्रोन पारिस्थितिक तंत्र का विकास" विषय पर कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में कार्यशाला हुई। कार्यशाला में ड्रोन प्रौद्योगिकी के व्यापक अनुप्रयोगों पर चर्चा की गयी। सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया हितेश कुमार मकवाना, अपर मुख्य सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संजय दुबे, प्रबंध निदेशक एमपीएसईडीसी आशीष वशिष्ठ ने कार्यशाला का शुभारंभ किया। इस अवसर पर ड्रोन केन्द्र सूचना पोर्टल https://drone.mp.gov.in/ भी लाँच किया गया।

सर्वेयर जनरल मकवाना ने कहा कि भारत में पिछले छ: वर्षों में ड्रोन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास हुआ है। ड्रोन के शुरूआती सीमित उपयोग से लेकर आज इसके व्यापक उपयोग तक ड्रोन एक बहुउपयोगी उपकरण के रूप में उभरा है। भारत सरकार ने ड्रोन टेक्नोलॉजी के व्यापक उपयोग के लिये ड्रोन नीति बनाई है। मध्यप्रदेश ड्रोन टेक्नोलॉजी के उपयोग में एक अग्रणी राज्य के रूप में उभर रहा है। राज्य ने स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन मे ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुये विशेष उपलब्धि हासिल की है। ड्रोन टेक्नोलॉजी कुशल, सुलभ और कम लागत मे उपलब्ध टेक्नोलॉजी है।

एसीएस संजय दुबे ने कहा कि केन्द्र सरकार ने ड्रोन नीति के तहत ड्रोन टेक्नोलॉजी आधारित इको-सिस्टम विकसित करने का लक्ष्य रखा है। इसमें ड्रोन के संचालन के लिये आवश्यक नियम, लाइसेंसिंग प्रक्रियाएं, संचालन की अवधि आदि निर्धारित की गई हैं। मध्यप्रदेश इस नीति को प्रेरणादायक मानते हुए ड्रोन के क्षेत्रीय स्तर पर व्यवहारिक और लाभकारी उपयोग के लिये कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि राज्य में एक मजबूत और समग्र इको-सिस्टम विकसित करें। जब हम ड्रोन की बात करते हैं तो यह केवल एक फ्लाइंग कैमरा ही नहीं बल्कि गेम चेंजिंग टेक्नोलॉजी है। यह टेक्नोलॉजी विभिन्न स्तरों पर सेवाएं प्रदान करने में सक्षम है। राज्य में इस टेक्नोलॉजी के व्यापक अनुप्रयोग की संभावनाएं है, जिससे नागरिकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। हमारा उद्देश्य है कि हम ऐसा इको-सिस्टम विकसित करें, जिससे ड्रोन का व्यापक उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में आसानी से हो सके। यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्म-निर्भर भारत और मेक-इन-इंडिया विजन को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। हमारा लक्ष्य ड्रोन टेक्नोलॉजी विकसित करने के साथ राज्य में निर्माण इकाइयों को स्थापित करना भी है।

एमपीएसईडीसी के एम.डी. आशीष वशिष्ठ ने कहा कि आज ड्रोन टेक्नोलॉजी का व्यापक उपयोग कृषि क्षेत्र में किया जा रहा है। खनन क्षेत्र में ड्रोन के मदद से प्रभावी खनन पर निगरानी रखी जा रही है। साथ ही आपातकालीन परिस्थितियों में चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये ड्रोन की महत्वपूर्ण भूमिका है। ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग आबकारी, कानून व्यवस्था, निर्माण गतिविधियों में भी किया जा रहा है। हमारा उद्देश्य मध्यप्रदेश को देश का ड्रोन हब बनाना है।

ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष स्मित शाह ने कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापार विस्तार के लिये ड्रोन की परिवर्तनकारी भूमिका है। उन्होंने कहा कि नमो ड्रोन दीदी जैसी पहल से ड्रोन का व्यापक उपयोग किया जा रहा है। ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग केवल एक विकल्प नहीं बल्कि यह भविष्य की आवश्यकता है। नाबार्ड के जीएम कमर जावेद ने कहा कि मध्यप्रदेश में ड्रोन टेक्नोलॉजी में उल्लेखनीय कार्य हुए है। सहकारी संस्थाओं की तरह पैक्स सोसायटी में भी ड्रोन के उपयोग को बढ़ाया जा सकता है। फिक्की ड्रोन कमेटी को-चैयरमेन एवं सीईओ अंकित मेहता ने कहा कि लॉ-एण्ड-ऑर्डर और निगरानी क्षेत्रों में ड्रोन टेक्नोलॉजी बहुत उपयोगी है। ड्रोन अपनी बहुआयामी उपयोगिता के साथ नवाचार को बढ़ावा दे रहे है और भविष्य की प्रौद्यागिकी को नया आकार दे रहे है।

ड्रोन टेक्नोलॉजी के विभिन्न विषयों पर आयोजित हुए सत्र

कार्यशाला में ड्रोन टेक्नोलॉजी के विभिन्न विषयों पर सत्र आयोजित किए गये। ड्रोन पॉलिसी एवं इंडस्ट्री इनिशिएटिव विषय पर ड्रोन टेक्नोलॉजी के वर्तमान उपयोग एवं भविष्य में व्यापक उपयोग पर चर्चा की गई। ड्रोन केस स्टडीज विषय पर व्यावसायिक क्षेत्रों में ड्रोन के उपयोग पर जानकारी दी गई। ड्रोन स्टार्ट-अप एवं स्किल डेपलपमेंट विषय पर जानकरी दी गई एवं ड्रोन पॉलिसी ड्रॉफ्ट पर विस्तृत चर्चा भी की गई।

इस अवसर पर ड्रोन केन्द्रित सूचना पोर्टल भी लाँच किया गया। यह पोर्टल ड्रोन टेक्नोलॉजी, नीति और प्रशिक्षण से संबंधित जानकारी को एकीकृत करने में सहायक होगा। इस दौरान ड्रोन टेक्नोलॉजी पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें ड्रोन टेक्नोलॉजी के नवीनतम उपयोगों को प्रदर्शित किया गया। इस अवसर पर एमपीएसईडीसी के परियोजना निदेशक गुरू प्रसाद, अपर परियोजना निदेशक डॉ. संदीप गोयल, परियोजना प्रबंधक अनूप पटेल, सीनियर जनरल मैनेजर कविराज मेहरा सहित एमपीएसईडीसी के अधिकारी-कर्मचारी, सर्वे ऑफ इंडिया डीजीसीए, आईआईटी इंदौर, ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया, नाबार्ड, मध्यप्रदेश सरकार के सभी विभागों के प्रमुख सहित ड्रोन इंडस्ट्री के प्रमुख जैसे आइडिया फोर्ज, एस्टेरिया एयरोस्पेस आदि के प्रतिनिधि, ड्रोन दीदीयां और तकनीकी शिक्षा के विद्यार्थी उपस्थित रहे।