छत्तीसगढ़राज्य

कड़कनाथ मुर्गे की खेती से बदल जाएगी आपकी जिंदगी- पूर्व बोडो उग्रवादी की सलाह

छत्तीसगढ़: असम में एक समय बोडोलैंड आंदोलन अपने चरम पर था, जिसमें शामिल कैडर सशस्त्र थे। इस आंदोलन ने सरकार के साथ कई दशकों तक संघर्ष किया, लेकिन अंततः 2020 में उन्होंने हथियार डाल दिए और अब वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। इस संगठन को पहले नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ़ बोडोलैंड, यानी NDFB के नाम से जाना जाता था। इस संगठन के पूर्व ज्वाइंट सेक्रेटरी बेनीवाल वारी वर्तमान में छत्तीसगढ़ में हैं। अपने बस्तर दौरे के दौरान, उन्होंने नक्सलियों से अपील की है कि वे भी हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हों और उनके संगठन की तरह शांति और विकास का मार्ग अपनाएं। बेनीवाल वारी का कहना है कि उनके संगठन ने अपने 3500 कैडरों की जान गंवाने के बाद यह महत्वपूर्ण सीख हासिल की है। 

 शांति की ओर प्रेरित करना 

बोडोलैंड के उग्रवादी अब हथियार डालकर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं, और यही संदेश बेनीवाल वारी दे रहे हैं। वास्तव में, बोडोलैंड संगठन ने लगभग 34 वर्षों तक सरकार के साथ सशस्त्र संघर्ष किया। अब बेनीवाल वारी का उद्देश्य है कि वे अपने अनुभवों के माध्यम से अन्य संगठनों को भी शांति की ओर प्रेरित करें।

बोडोलैंड संगठन ने लगभग 34 वर्षों तक सरकार के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष किया। अब बेनीवाल वारी नक्सलियों और उनके समर्थकों को यह समझाना चाहते हैं कि इस रास्ते से कोई लाभ नहीं होगा। मीडिया से बातचीत में बेनीवाल ने बताया कि अलग बोडोलैंड की मांग को लेकर उनके लोग 34 साल तक उग्रवाद का सहारा लेते रहे। उनके संगठन ने 2020 में सरकार के साथ बातचीत के बाद हथियार डाल दिए हैं और अब वे सरकार की सहायता से अपने जीवन में सुधार कर रहे हैं।

NDFB की पहल 

NDFB अब BTC यानी बोडोलैंड टेरीटोरियल काउंसिल के रूप में विकसित हो चुका है। इस परिवर्तन के माध्यम से NDFB ने अपने सदस्यों को सहकारी समितियों से जोड़ा है, जिससे वे डेयरी, चावल मिल और पोल्ट्री फार्म का संचालन कर रहे हैं। इस पहल ने सभी के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है। बेनीवाल ने इसी संदर्भ में बस्तर में सक्रिय नक्सल संगठनों से भी अपील की है कि वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हों। उनके अनुसार, बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता को दुनिया के सामने लाने की आवश्यकता है।