छत्तीसगढ़राज्य

MMI हॉस्पिटल पर गंभीर आरोप, युवक ने कहा- इनकी लापरवाही ने मेरी मां को मार डाला, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने दिए जांच के निर्देश

राजधानी रायपुर के प्रसिद्ध एमएमआई हॉस्पिटल पर मरीज के इलाज मे लापरवाही बरतने का आरोप लगा है। मृतक महिला के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन को महिला की मौत का जिम्मेदार बताया है। मृतका के बेटे का आरोप है कि ऑक्सीजन मशीन ख़राब होने के कारण ऑक्सीजन सप्लाई नहीं होने से उसकी मां की मौत हो गई। वहीं अब पूरे इस मामले पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जांच के निर्देश दिए हैं। 

परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए रायपुर पुलिस को इसकी शिकायत की है। परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने सीएमएचओ को एक चिट्ठी लिख जांच करने की बात कही है। 

बता दे की रायपुर के टाटीबंध निवासी ओम खेमानी की मां भारती देवी को तबीयत खराब होने के कारण 2 सितंबर को एमएमआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के बावजूद उनका स्वास्थ्य लगातार खराब हो रहा था, जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें हैदराबाद रेफर करने की बात कही। 

हैदराबाद ले जाने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने रेड एंबुलेंस कंपनी से एयर एंबुलेंस की बुकिंग कराई। गुरुवार को मरीज को हैदराबाद ले जाने के लिए एयर एंबुलेंस माना एयरपोर्ट पर आई। यहां से मरीज को एंबुलेंस के जरिए एयरपोर्ट तक ले जाया गया, लेकिन इसी दौरान उनकी मौत हो गई। 

महिला के परिजनों का आरोप है कि 10 दिनों तक अस्पताल में इलाज करने के बाद हैदराबाद शिफ्ट करने की सलाह दी गई । अस्पताल प्रबंधन ने यहां के इलाज के 10 लाख लिए और एयर एंबुलेस के छह लाख रूपए भी लिए। अस्पताल से रवाना हुए एंबूलेंस की एक भी मशीन काम नहीं कर रही थी । न उसमें एयरपोर्ट तक के डॉक्टर, नर्स ही थी। जैसे तैसे माना एयरपोर्ट पहुंच टेक आफ किया गया। आश्चर्य कि बात है कि एंबूलेंस 15 ही मिनट बाद लैंड कर गया। जिसे हैदराबाद जाना था वह वापस माना लैंड कर गया। जहां से पुन: महिला को हॉस्पिटल लाया गया और महिला की मौत हो गई। 

घटना को लेकर सिंघी समाज के प्रतिनिधि अमित चिमनानी के नेतृत्व में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से मिले। मंत्री ने कहा कि घटना दुखद है। ऐसी ऐसी घटनाएं दोबारा ना हो इसके लिए डायरेक्ट को जांच के आदेश दिए हैं। सीएमएचओ मिथिलेश जायसवाल ने बताया कि पूरे मामले की जांच के लिए 5 सदस्य समिति का गठन किया गया है। जो 5 से 7 दिन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

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