मानसून से तरबतर हुआ मप्र…प्रदेश के लगभग सभी बांध हुए लबालब…
भोपाल। बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के प्रभाव से प्रदेश के कई क्षेत्रों में मंगलवार की दोपहर से शुरू हुआ बौछारों का दौर बुधवार को भी जारी है। मानसून फिर मेहरबान होने से कैचमेंट एरिया में जबरदस्त बारिश होने के कारण प्रदेश के लगभग सभी बांध लबालब हो गए हैं। बांधों का जल स्तर बढऩे से उनके गेट खोल दिए गए हैं। इससे नदियों के जल स्तर तेजी से बढऩे लगा है। जिसके कारण नदिया उफान पर है। बुधवार को तिघरा बांध का जल स्तर 739 फीट पर पहुंच गया। ओवरफ्लो होने के कारण दोपहर में बांध के छह गेट खोलकर अतिरिक्त पानी को निकाला गया। इससे पहले सात अक्टूबर 2022 को तिघरा बांध के गेट खोले गए थे।
पूर्वी मध्य प्रदेश के आसपास गहरा कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। मानसून द्रोणिका भी मप्र से होकर गुजर रही है। गुजरात से केरल तक एक अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक प्रभावी मौसम प्रणालियों के असर से प्रदेश में झमाझम वर्षा का सिलसिला दौर जारी है। मंगलवार को भोपाल, इंदौर, सिवनी, बालाघाट समेत अनेक जिलों में तेज बारिश हुई। बालाघाट, मंडला-सिवनी जिलों में लोग बाढ़ में फंस गए, जिन्हें रेस्क्यू करना पड़ा। वहीं नर्मदापुरम में तवा डैम के 13 में से 9 गेट, बरगी बांध के 21 में से 17, मोहनपुरा डेम के 10 गेट, हलाली डैम के 5 और मड़ीखेड़ा डैम के 4 गेट खोले गए हैं। भोपाल में भी कलियासोत, भदभदा और कोलार डेम के गेट खोले गए हैं। अगले दो दिन तक मौसम में खास बदलाव के आसार नहीं हैं। यानी झमाझम का सिलसिला बरकरार रहेगा।
ग्वालियर और छतरपुर में बारिश के बाद बांध लबालब हो गए हैं। पानी से ओवरफ्लो हुए बांधों के गेट खोले जा रहे हैं। छतरपुर में बारिश के बाद धसान नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। छतरपुर और टीकमगढ़ के बीच सडक़ संपर्क टूट गया है। छतरपुर में बानसुजारा बांध के सभी 12 गेट खोले गए हैं। धसान नदी में 8 से 10 फीट जल स्तर बढ़ गया है। प्रशासन ने अपील की है कि आमजन नदी के किनारे और आसपास बिल्कुल भी नहीं जाएं। दशा नदी में जलस्तर बढऩे से छतरपुर और टीकमगढ़ का रास्ता फिलहाल बंद हो गया है। मौके पर प्रशासन की टीम मौजूद है। दोनों तरफ बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं, क्योंकि नदी में लगातार पानी बढ़ रहा है। अगर बारिश की बात करें, तो छतरपुर जिले में पिछले दो दिन से लगातार बारिश जारी है। इस कारण नदी के कैचमेंट एरिया में भी पानी बढ़ रहा है। इलाके में हो रही तेज बारिश से कुछ गांवों में पानी भर गया है। धसान नदी के आसपास बसे गांवों के लोगों पर सबसे ज्यादा खतरा मंडरा रहा है। जिले में प्रशासन की टीम भी अलर्ट पर है। लोगों को नदी से दूर रहने को कहा जा रहा है।
प्रदेश के भोपाल समेत 30 से ज्यादा जिलों में कहीं तेज, कहीं धीमी बारिश हो रही है। भोपाल में बीते 24 घंटे में 2.4 इंच पानी बरस चुका है। सागर जिले के शाहगढ़ में सबसे ज्यादा 300 मिमी यानी 11.8 इंच पानी गिरा है। दमोह के पथरिया में 11 इंच, छतरपुर के बक्सवाहा में 10 इंच बारिश दर्ज की गई है। बुधवार को कलियासोत डैम के दो, कोलार डैम के दो जबकि भदभदा और केरवा डैम का एक-एक गेट खोला गया है। वहीं, दमोह में बीते 24 घंटे में साढ़े आठ इंच पानी गिरा। जबलपुर में करीब 8 इंच और सिवनी में साढ़े 7 इंच बारिश हो चुकी है। रायसेन जिले के बेगमगंज में पराशरी नाला उफान पर आ जाने से सागर भोपाल सडक़ मार्ग बंद हो गया है। दमोह में घरों में पानी भर गया। टीकमगढ़ और शिवपुरी में भी सडक़ें डूब चुकी हैं। विदिशा में भी कई रास्ते बंद हैं।
मप्र में पिछले 24 घंटे से हो रही तेज बारिश की वजह से सामान्य बारिश का कोटा भी पूरा हो गया है। प्रदेश में 24 घंटे में एवरेज 2 इंच पानी गिर गया। अब तक 39.1 इंच बारिश हो गई है, जो सामान्य से 1.8 ज्यादा है। एमपी की सामान्य बारिश 37.3 इंच है। छतरपुर में बक्सवाहा की ग्राम पंचायत बम्होरी में तेज बारिश की वजह से एक दर्जन मकानों में पानी भर गया। एसडीआरएफ ने यहां फंसे 50 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।