छत्तीसगढ़राज्य

शिक्षकों के विरोध के बाद शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया लगाई रोक

रायपुर

शिक्षा विभाग ने स्कूलों में पदस्थ अतिशेष शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया रोक दी है। अब ये शिक्षक जिन स्कूलों में पढ़ा रहे हैं, वहीं रहेंगे। शिक्षक संगठनों का दावा है कि उच्चाधिकारियों ने इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है।

बतादें कि शिक्षक संगठनों के नेताओं के लगातार विरोध के बाद शिक्षा अफसरों ने दबाव में यह फैसला किया है। दो दिन पहले शिक्षक संगठनों ने स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी से मुलाकात की थी। इस दौरान शिक्षक संगठनों और शिक्षा सचिव के बीच वार्ता विफल रही।

शिक्षक संगठनों ने 16 सितंबर से स्कूलों में हड़ताल करने का ऐलान कर दिया था। आखिरकार सचिव को बैकफुट पर आना पड़ा। विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसलिए अधिकारियों ने फिलहाल प्रक्रिया रोकना ही मुनासिब समझा। शिक्षक नेताओं को सत्ताधारी पार्टी के नेताओं का भी समर्थन मिल रहा था।

मामले में स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी से बात करने की कोशिश की मगर संपर्क नहीं हो पाया। वहीं जिला शिक्षा अधिकारियों ने युक्तियुक्तकरण फिलहाल नहीं किया जाएगा,इसकी पुष्टि की है। छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रांत संचालक वीरेंद्र दुबे ने बताया कि फिलहाल युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया स्थगित हो गई है।

भाजपा अध्यक्ष ने भी लिखा था सीएम को पत्र
शिक्षकों के विरोध के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने तो बकायदा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय पत्र भी लिखा था कि, शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के फैसले पर विचार किया जाए। बताया जाता है कि फिलहाल नगरीय निकाय-पंचायत चुनाव तक युक्तियुक्तकरण या अनावश्यक तबादला नहीं किया जाएगा।

शिक्षकों के साथ स्कूलों के विलय का फैसला भी अटका
राज्य सरकार ने प्रदेश केचार हजार 77 स्कूलों का निकटतम अन्य स्कूलों में विलय करने का फैसला लिया था। दावा था कि एक ही परिसर में चल रहे प्राइमरी-मिडिल, हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों को आपस में विलय करने से इन स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होगी और स्थापना व्यय भार भी कम आएगा।

विलय होने वाले स्कूलों के छह हजार शिक्षक भी नए स्कूल में स्थानांतरित होंगे। इसके अलावा 7,303 शिक्षक जो कि पहले से ही अतिशेष हैं। उन्हें भी कम शिक्षक वाले स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके लिए समितियां भी गठित हुई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *