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एक मीटिंग और बचा ली 8 भारतीयों की जान, PM मोदी कैसे कतर से बचा लाए; इनसाइट स्टोरी…

भारत को कूटनीतिक जीत मिली और 8 भारतीय कतर की जेल से बाहर आ गए। इनमें से 7 की वतन वापसी भी हो गई। सभी इस राहत का श्रेय भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दे रहे हैं।

हालांकि, यह कहानी इतनी छोटी नहीं, बेहद लंबी है। पहले गिरफ्तारी, फिर मौत की सजा और अब रिहाई के बीच भारतीय नौसेना के इन 8 पूर्व सैनिकों ने 18 महीनों का मुश्किल दौर गुजारा है।

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘भारत सरकार कतर में हिरासत में लिए गए दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है।’

मंत्रालय ने कहा, ‘रिहा किए गए आठ भारतीयों में से सात भारत लौट आए हैं। हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं।’

गिरफ्तारी से लेकर रिहाई तक की कहानी
30 अगस्त 2022:
 भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को कतर में गिरफ्तार कर लिया गया। तब तक किस आरोप में गिरफ्तार किया गया था, यह साफ नहीं था।

तब मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि कतर की खुफिया एजेंसी ने जासूसी के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया था।

1-3 अक्टूबर 2022: दोहा में भारतीय राजदूत और उप प्रमुख ने नौसेना के पूर्व अधिकारियों से मुलाकात की। इधर, अधिकारियों की मदद कोशिश कर रहे दाहरा ग्लोबल के सीईओ को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। दो महीने बाद उन्हें जमानत दे दी गई थी।

1 मार्च 2023: कतर में नौसेना के पूर्व अधिकारियों के लिए दाखिल कर याचिकाएं खारिज हो गईं।

25 मार्च 2023: सभी के खिलाफ आरोप दाखिल किए गए और ट्रायल का दौर 29 मार्च से शुरू हो गया था।

मई 2023: दाहरा ग्लोबल ने दोहा में अपना काम बंद कर दिया। कंपनी के काम बंद करने के बाद अधिकांश भारतीय कर्मचारियों ने वतन वापसी का फैसला कर लिया था।

26 अक्टूबर 2023: कतर की कोर्ट की तरफ से सभी 8 भारतीय नागरिकों को मौत की सजा सुना दी गई थी।

9 नवंबर 2023: भारतीय अधिकारियों ने जानकारी दी कि रिहाई के लिए कतर में अपील दाखिल कर दी गई है।

23 नवंबर 2023: भारत की अपील को कतर की कोर्ट ने माना। भारत ने मौत की सजा के खिलाफ अपील दाखिल की थी।

1 दिसंबर 2023: दुबई में आयोजित हुए COP28 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल-थानी से मुलाकात की थी। उस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय साझेदारी और कतर में रहने वाले भारतीय समुदाय की बेहतरी पर भी चर्चा की थी।

28 दिसंबर 2023: सजा काट रहे भारतीय नागरिकों को बड़ी राहत मिली और कतर की कोर्ट ने मौत की सजा के कैद में बदल दिया।

12 फरवरी 2024: भारत सरकार ने सभी 8 अधिकारियों की रिहाई का ऐलान कर दिया।

ये हुए रिहा
कतर में हिरासत में लिए गए 8 भारतीयों में कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदू तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और सेलर रागेश का नाम शामिल है।

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