यूक्रेन से सैनिकों की वापसी: पुतिन का नया कदम, रूस में यूक्रेनी हमलों का प्रभाव स्पष्ट
रूस और यूक्रेन युद्ध एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है। यूक्रेनी सेना रूस के अंदर घुस गई है, जिसने पुतिन की सेना की टेंशन बढ़ा दी है। इस बीच ऐसी रिपोर्ट आई है कि रूस अपने सैनिकों को कब्जाए गए यूक्रेन के इलाके से निकालने लगा है। यूक्रेन में तैनात सैनिकों को रूस के अंदर पहुंची यूक्रेनी सेना से लड़ने के लिए भेजा जा रहा है। यह दिखाता है कि रूसी सेना की अब यूक्रेन पर पकड़ कमजोर होने लगी है। सीएनएन को दो अमेरिकी अधिकारियों ने इस बारे में बताया है। इस घटनाक्रम ने अमेरिका का ध्यान आकर्षित किया है और अब अमेरिकी अधिकारी यह पता लगाने में लगे हैं कि आखिर कितने सैनिकों को रूस ने यूक्रेन से निकाला है।
1000 सैनिकों से बने कई ब्रिगेड अब रूस के कुर्स्क में भेज दिए गए हैं। यूक्रेन ने पिछले सप्ताह यहां हमला किया है। अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने गुरुवार को कहा, 'यह साफ है कि पुतिन और रूसी सेना कुछ इकाइयों को कुर्स्क ओब्लास्ट की ओर भेज रहे हैं। उन मोर्चों पर अभी यूक्रेन से लड़ने के लिए सक्रिय लड़ाई चल रही है।' किर्बी ने यह साफ कर दिया है कि यूक्रेन से रूसी सैनिकों के जाने का मतलब यह नहीं कि पुतिन ने यूक्रेन के उत्तर-पूर्वी हिस्से या दक्षिण में जापोरिज्जिया जैसी जगहों पर सैन्य अभियान बंद कर दिया है। उन मोर्चों पर भी भी लड़ाई जारी है।
रूस के साथ अमेरिका भी हैरान
शुरुआत में जब यूक्रेन ने रूस में हमला किया था तो इसे पुतिन को अपमानित करने की एक मनगढ़ंत कोशिश माना जा रहा था। लेकिन रूस ने सैनिकों को यूक्रेन से निकाल कर दिखा दिया है कि इसका रणनीतिक प्रभाव पड़ रहा है। हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि यूक्रेन रूसी क्षेत्र पर कब तक कब्जा कर पाता है। यूक्रेन के रूस पर हमले से अमेरिकी अधिकारी प्रभावित हैं, खास तौर से तब जब यूक्रेनी सेना अटैक को पूरी तरह सीक्रेट रखा। इसने रूस के साथ-साथ अमेरिकी अधिकारियों को भी हैरान कर दिया है।
यूक्रेन के लिए क्या हुई मुश्किल
हालांकि रूस पर हमला करके यूक्रेन ने अपनी 965 किमी के बॉर्डर को कुछ जगहों पर कमजोर करने का जोखिम उठाया है। लेकिन यह उन रूसी सैनिकों को अपने कदम पीछे करने को मजबूर कर सकता है जो यूक्रेन के अंदर गर्मियों में घुस रहे थे। यूक्रेन का कहना है कि उसने अपने हमले के बाद 1000 वर्ग किमी से ज्यादा की रूसी जमीन पर कब्जा कर लिया है। इस कारण हजारों रूसी लोग अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि ऑपरेशन का प्रमुख लक्ष्य पुतिन के लिए रणनीतिक दुविधाएं पैदा करना दिख रहा है, ताकि वह यह न समझ पाएं कि अपनी सेना को कहां लगाना है।