राज्य

डेंगू और चिकनगुनिया के साथ राजधानी में बढ़ा स्वाइन फ्लू का खतरा

राष्ट्रीय राजधानी में इन दिनों वायरल बुखार का प्रकोप बढ़ गया है। इसका कारण यह है कि डेंगू, चिकनगुनिया के साथ इन दिनों फ्लू का संक्रमण भी बढ़ गया है। इस वजह से अस्पतालों में स्वाइन फ्लू से पीड़ित होकर गंभीर मरीज भी पहुंच रहे हैं।

डॉक्टर बताते हैं कि स्वाइन फ्लू के संक्रमण के कारण कुछ मरीजों को आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट की भी जरूरत पड़ रही है। इसलिए इन दिनों बुखार के साथ खांसी, जुकाम, गले में दर्द, खराश व सांस लेने में परेशानी हो तो उसे नजरअंदाज न करें। डाक्टरों का कहना है कि लोग सतर्क रहें। फ्लू जैसे लक्षण हों तो डाक्टर को दिखाएं।

शालीमार बाग स्थित फोर्टिस अस्पताल के पल्मोनरी मेडिसिन के विशेषज्ञ डा. विकास मौर्या ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से फ्लू के मरीज ओपीडी में बढ़ गए हैं। जांच में कई मरीजों को स्वाइन फ्लू (एच1एन1) का संक्रमण भी पाया जा रहा है। स्वाइन फ्लू से संक्रमित कई मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की भी जरूरत पड़ रही है।

इसलिए इन दिनों बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं, अस्थमा, किडनी, हृदय रोग इत्यादि पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। अपोलो अस्पताल के सांस रोग विशेषज्ञ डा. निखिल मोदी ने बताया कि बरसात के मौसम में फ्लू का संक्रमण थोड़ा बढ़ जाता है लेकिन इस मौसम में सामान्य तौर पर फ्लू के ज्यादा गंभीर मामले नहीं देखे जाते हैं। लेकिन इस बार स्वाइन फ्लू के गंभीर मरीज भी देख जा रहे हैं।

शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम होने सांस की परेशानी के साथ मरीज पहुंच रहे हैं। आइसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर भी स्वाइन फ्लू के कुछ मरीज भर्ती हैं। वैसे फ्लू के ज्यादातर मरीज आसानी से ठीक हो जाते हैं। कुछ बुजुर्गों व सांस के पुराने मरीजों में बीमारी अधिक गंभीर देखी जा रही है। इसलिए बुजुर्गों, पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोग घर से बाहर निकलने पर फ्लू से बचाव के लिए मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *