यूएस फेड के फैसले का शेयर बाजार पर रहेगा असर
मुंबई । चालू वित्त वर्ष के बजट में कैपिटल गेन टैक्स बढ़ाने से बिकवाली का दबाव बढ़ने के बावजूद सप्ताह के आखिरी दिन हुई लिवाली की वजह से बीते सप्ताह करीब एक प्रतिशत चढ़े शेयर बाजार पर इस सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक में ब्याज दर में कटौती को लेकर होने वाले निर्णय के साथ ही घरेलू स्तर पर वाहन बिक्री, औद्योगिक उत्पादन के आने वाले आंकड़े और कंपनियों के तिमाही नतीजे का असर रहेगा। शेयर बाजार के निवेशकों ने इस सप्ताह में बाजार की चाल पर नजर बनाई हुई है। विश्लेषकों के अनुसार शेयर बाजार की नजर यूएस फेड ब्याज दर निर्णय, चालू तिमाही आय, व्यापक आर्थिक डेटा और एफआईआई के कारोबार पर रहेगी। इसके अलावा निवेशक वैश्विक बाजार के रुझान और वैश्विक तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर भी नजर बनाए रखेंगे। इस सप्ताह फोकस वैश्विक संकेतों जिसमें विशेषकर अमेरिकी बाजारों पर सबसे ज्यादा ध्यान रहेगा। अमेरिकी फेडरल रिजर्व 31 जुलाई को अपने ब्याज दर फैसले की घोषणा करने के लिए तैयार है। यह घोषणा शेयर बाजार के लिए महत्वपूर्ण होगी क्योंकि इस साल संभावित दर में कटौती की उम्मीद है। इसके अलावा अमेरिका और चीन के अन्य व्यापक आर्थिक आंकड़ों पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी। घरेलू मोर्चे पर कंपनी द्वारा पहली तिमाही के नतीजों की घोषणा का भी असर बाजार पर पड़ेगा। इस सप्ताह गेल, अदाणी पावर, बैंक ऑफ बड़ौदा, बीएचईएल, कोल इंडिया, एमएंडएम, मारुति, टाटा स्टील, अदाणी एंटरप्राइजेज और टाटा मोटर्स तिमाही नतीजे घोषित करेंगी। घरेलू और वैश्विक आर्थिक आंकड़ों जैसे कि भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर आउटपुट, मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई, चीन के मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई, बीओई ब्याज दर निर्णय, अमेरिकी गैर-कृषि पेरोल और फेडरल रिजर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस आदि का असर शेयर बाजार की चाल पर पड़ेगा। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि कंपनी द्वारा जारी तिमाही नतीजों की वजह से शेयर बाजार से पॉजिटिव रिस्पांस मिल सकता है। इसके अतिरिक्त यूएस फेड और बीओई मौद्रिक नीतियों, अमेरिकी रोजगार डेटा और यूरोजोन जीडीपी आंकड़ों सहित वैश्विक आर्थिक अपडेट से बाजार पर असर पड़ने की उम्मीद है।