विदेश

पहले जैसा नहीं रहा रूस, दूरी बना रहा है भारत? पुतिन के मंत्री ने दिया जवाब…

दशकों पुरानी रूस और भारत की दोस्ती जगजाहिर है।

खासतौर से रक्षा के क्षेत्र (डिफेंस सेक्टर) में रूस हमेशा से भारत का सबसे बड़ा पार्टनर रहा है। अभी भी भारत हथियारों की खरीद के लिए रूस पर ज्यादा निर्भर है।

लेकिन अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि भारत अपने खास दोस्त से दूरी बना रहा है। रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि रूस अब पहले जैसा नहीं रहा है।

यूक्रेन में युद्ध के चलते रूस की हालत खराब है इसलिए वह भारत को उसकी जरूरतों के मुताबिक हथियारों की सप्लाई नहीं कर पा रहा है।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने हाल ही में रूस से जुड़ी अपनी एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें कहा गया कि यूक्रेन में जंग के कारण रूस की युद्ध सामग्री और अन्य पुर्जों की सप्लाई करने की क्षमता बाधित हुई है।

इसके चलते भारत अपने सबसे बड़े हथियार सप्लायर रूस से दूरी बनाना चाहता है। रिपोर्ट में भारतीय सूत्रों का हवाला देते हुए गया है कि रूस को चीन के करीब धकेलने से बचने के लिए भारत को सावधानी से कदम उठाना चाहिए।

अब इस मामले पर रूस की प्रतिक्रिया सामने आई है।

पुतिन सरकार के उप विदेश मंत्री एंड्री रुडेंको ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। रूस की TASS समाचार एजेंसी ने रूसी मंत्री के हवाले से कहा, “हमारे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है। यह सब रॉयटर्स वाले जानें। हमारे भारतीय साझेदार पहले की तरह अब भी इस (रक्षा) क्षेत्र सहित हर जगह सहयोग में रुचि रखते हैं।”

पिछले साल स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि रूस अभी भी भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता है।

हालांकि 2017 और 2022 के बीच भारतीय रक्षा आयात में इसकी हिस्सेदारी 62% से घटकर 45% हो गई। इसकी वजह ये है कि भारत अब ‘मेक इन इंडिया’ के तहत ‘आत्मनिर्भरता’ की ओर आगे बढ़ रहा है। हालांकि पिछले दो दशकों के दौरान भारत की 60 अरब डॉलर से अधिक की हथियारों की खरीद में से 60 प्रतिशत से अधिक की सप्लाई रूस ने की। 

टैंक से लेकर विमान वाहक और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली तक, भारत ये हथियार रूस से खरीदता आया है। दोनों देश मिलकर ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल बना रहे हैं और भारत में एके-203 राइफल बनाने की भी योजना है।

फ्रांस 29% हिस्सेदारी के साथ दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। 11% के साथ अमेरिका तीसरे नंबर पर है। अपने कुल हथियार आयात में 11% की गिरावट के बावजूद, भारत अभी भी दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक है।

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