देश

 हाथरस के सत्संग में भगदड़ का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, कमेटी बनाने की मांग…

उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के बाद मची भगदड़ में कम से कम 121 लोगों की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है।

देश की सबसे बड़ी अदालत में एक जनहित याचिका दायर की गई है।

अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर जनहित याचिका में जांच शुरू करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सर्वे कराने और दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए समिति बनाने की मांग की गई है।

उन्होंने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में इस विशेषज्ञ समिति की नियुक्ति की जाए।

आपको बता दें कि हाथरस जिले के सिकंदराराऊ इलाके में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ के मामले में पुलिस ने ‘मुख्य सेवादार’ और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। मंगलवार को हुई भगदड़ की इस घटना में 121 लोगों की मौत हो गई थी।

अधिकारी ने बताया कि पोरा पुलिस चौकी के प्रभारी उप निरीक्षक बृजेश पांडे की तहरीर पर मंगलवार देर रात सिकंदराराऊ थाने में मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य सेवादारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

उन्होंने बताया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा), 238 (साक्ष्यों को मिटाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

तहरीर में कहा गया, ‘‘आयोजकों ने पिछले कार्यक्रमों में पहुंची लाखों लोगों की भीड़ की स्थिति को छिपाते हुए इस बार 80 हजार अनुयायियों के इकट्ठा होने की बात प्रशासन को बताई थी। इसके अनुसार ही सुरक्षा की व्यवस्था की थी लेकिन सत्संग में ढाई लाख से ज्यादा लोग पहुंचे थे जिससे अव्यवस्था पैदा हो गई।’’

आरोप लगाया गया, ‘‘सत्संग के मुख्य प्रवचनकर्ता सूरजपाल उर्फ ‘भोले बाबा’ के प्रवचन के बाद वह अपनी गाड़ी में सवार होकर आयोजन स्थल से निकल रहे थे तभी अनुयायियों ने उनकी गाड़ी के मार्ग से धूल समेटना शुरू कर दिया। इस दौरान लाखों की भीड़ के दबाव के कारण कुछ लोग कुचल गए।’’

इसमें कहा गया, ‘‘भीड़ को आयोजन समिति और सेवादारों ने जबरन रोक दिया जिसकी वजह से भीड़ का दबाव बढ़ता गया और महिलाएं, बच्चे तथा पुरुष उसमें दबते-कुचलते चले गए। आयोजकों और सेवादारों के कारण बड़ी संख्या में निर्दोष लोग मारे गए और गंभीर रूप से घायल हुए।’’

शिकायत में आरोप लगाया गया, ‘‘मौके पर मौजूद पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने घायल तथा बेहोश लोगों को अस्पताल पहुंचाया लेकिन आयोजनकर्ताओं तथा सेवादारों ने कोई सहयोग नहीं किया। कार्यक्रम स्थल पर यातायात नियंत्रण संबंधी अनुमति की शर्तों का पालन नहीं किया। आयोजनकर्ताओं ने मौके पर छूटे लोगों के सामान, कपड़े और जूते-चप्पल को उठाकर पास के ही खेत में फेंक कर साक्ष्य मिटाये।’’

हाथरस जिले के फुलरई गांव में ‘भोले बाबा’ द्वारा आयोजित सत्संग में मंगलवार को भगदड़ मच गई थी जिसमें 121 लोगों की मौत हो गई।

The post  हाथरस के सत्संग में भगदड़ का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, कमेटी बनाने की मांग… appeared first on .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *